सुधरो, वरना छिड़ेगी जंग!

एक बार फिर वही दर्दनाक करतूत, फिर वही रुदन! जाहिर है पाकिस्तानी मुल्क के इरादे नापाक हैं और हमारे मुल्क का रवैया उदासीन. जरूरत सिर्फ निंदाओं की नहीं बल्कि उन प्रयासों की है, जिसके बूते कुचक्रियों के हौसले पस्त हो सकें. आखिर कब तक हमारा देश खुद पर लगे जख्मों से मुंह फेरता रहेगा, कब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2016 6:24 AM

एक बार फिर वही दर्दनाक करतूत, फिर वही रुदन! जाहिर है पाकिस्तानी मुल्क के इरादे नापाक हैं और हमारे मुल्क का रवैया उदासीन. जरूरत सिर्फ निंदाओं की नहीं बल्कि उन प्रयासों की है, जिसके बूते कुचक्रियों के हौसले पस्त हो सकें. आखिर कब तक हमारा देश खुद पर लगे जख्मों से मुंह फेरता रहेगा, कब तक पाकिस्तान की बेजान हरकतों के जवाब में हम केवल अपने हाथ मलते रहेंगे? आखिर कब तक हम पाकिस्तान से मिले असहनीय दर्द के बदले उन्हें केवल माफी देते रहेंगे. ऐसा करना उनके लिए हौसलाअफजाई ही होगी.

कुछ माह पहले पठानकोट उनके लगाये आग में झुलसा, पर हमारा मुल्क प्रतिकार जिस रूप में कर सकता था, उससे मुकरता रहा. नतीजतन इस बार और भी भयानक परिणाम देखने को मिले. अब हमें पाकिस्तानी सरकार को सीधे तौर पर चेता देना चाहिए कि या तो वो अपनी सरजमीं से आतंकियों का सफाया करे या फिर एक जंग झेलने को तैयार हो.
आदित्य शर्मा, दुमका

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