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स्वच्छ भारत अभियान की धीमी रफ्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी़ आगामी दो अक्तूबर को इसके दो साल पूरे हो जायेंगे़ मोदीजी ने जब इस अभियान की शुरुआत की थी, उस समय कई सेलेब्रिटीज, राजनेताओं और सत्ताधारियों ने हाथ में झाड़ू लेकर मीडिया की सुर्खियों में आकर इसका समर्थन किया […]
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी़ आगामी दो अक्तूबर को इसके दो साल पूरे हो जायेंगे़
मोदीजी ने जब इस अभियान की शुरुआत की थी, उस समय कई सेलेब्रिटीज, राजनेताओं और सत्ताधारियों ने हाथ में झाड़ू लेकर मीडिया की सुर्खियों में आकर इसका समर्थन किया था, लेकिन अफसोस की बात यह है कि आज भी बहुत से गली-मोहल्ले कूड़ा-करकट के ढेर से भरे पड़े हैं. कई जगहों पर सरकार की ओर से कूड़ा फेंकने के लिए कूड़ेदान की व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है़
गंदगी के कारण गंभीर बीमारियां फैल रही हैं. डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलने से यह बात तो शत-प्रतिशत सिद्ध होती है कि स्वच्छ भारत अभियान की रफ्तार धीमी है़ मोदीजी बेशक स्वच्छ भारत के लिए गंभीर हैं, लेकिन राज्य सरकारें और प्रशासन इसके लिए कुंभकर्णी नींद में सोये हैं. राज्य सरकार और प्रशासन की नींद तब ही टूटती है, जब लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर मौत को गले लगाते हैं.
संघर्ष यादव, मलकौली, बलिया
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