जजों की नियुक्ति में देर न करें
उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्तियों और स्थानांतरण में उच्च न्यायालयों से सिफारिशें देर से मिल रही है तो जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र दोषी कैसे? सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने ऐसा कहा है. उच्च न्यायलय ही इसमें विलंब कर रहा है़ मतलब वह खुद ही रिक्तियां भरने की प्रक्रिया को न्याय नहीं दे […]
उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्तियों और स्थानांतरण में उच्च न्यायालयों से सिफारिशें देर से मिल रही है तो जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र दोषी कैसे? सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने ऐसा कहा है. उच्च न्यायलय ही इसमें विलंब कर रहा है़ मतलब वह खुद ही रिक्तियां भरने की प्रक्रिया को न्याय नहीं दे पा रहा है. देश के विविध न्यायालयों में बड़ी मात्रा में मामले लंबित हैं. न्यायाधीशों की संख्या कम होने के कारण कई मामलों की सुनवाई देरी से होती है.
न्याय मिलने के लिए लोगों को कितने महीने, साल रुकना पड़ेगा यह तो अनिश्चित होता है. उच्च न्यायालयों ने रिक्तियां भरने की सिफारिश करने का काम अपनी तरफ से हमेशा समय पर करना चाहिए. एक काम में देर होती है तो आगे सभी काम करने में देर ही होती है. लेकिन उसका नुकसान जनता को भुगतना पड़ता है. न्यायाधीशों की कमी और हर रोज बढ़ते ही जानेवाले मामले राष्ट्रीय चुनौती बन गये हैं.
अमित पडियार, ई-मेल से