शिक्षकों से संवाद जरूरी
पिछले दिनों दिल्ली के एक स्कूल में दो छात्रों ने शिक्षक की चाकू घोंप कर हत्या कर दी़. यह पतन की पराकाष्ठा है. बिना परीक्षा के विद्यार्थियों को पास करना शिक्षा का मजाक है. कहीं न कहीं इसके लिए अभिभावक भी जिम्मेदार हैं. बच्चों को स्कूल छोड़ देने मात्र से उनकी जिम्मेवारी पूरी नहीं होती. […]
पिछले दिनों दिल्ली के एक स्कूल में दो छात्रों ने शिक्षक की चाकू घोंप कर हत्या कर दी़. यह पतन की पराकाष्ठा है. बिना परीक्षा के विद्यार्थियों को पास करना शिक्षा का मजाक है. कहीं न कहीं इसके लिए अभिभावक भी जिम्मेदार हैं. बच्चों को स्कूल छोड़ देने मात्र से उनकी जिम्मेवारी पूरी नहीं होती. इसके लिए शिक्षकों से संवाद भी जरूरी है ताकि बच्चों में पनप रही कमी का मिल कर हल निकाला जा सके.
वेद प्रकाश, दिल्ली