पिछले दिनों प्रभात खबर में गहनू मुंडा की भूख से मौत की खबर पढ़ी़ इससे बड़ी आर्थिक विषमता और क्या हो सकती है? जहां एक तरफ कई लोग मोटापे से परेशान हैं और खाना होते हुए भी कम खा रहे हैं, ताकि वजन न बढ़े, वहीं दूसरी तरफ लोग खाना न होने के कारण भूख से मर रहे हैं.
प्रशासन किसी की मौत के बाद पहुंचता है और तब जो कवायद होती है, अगर वही काम पहले किया जाये तो कम से कम किसी मौत भूख से नहीं होगी़
सीमा साही, बोकारो