अगर सख्त कानून बनने के बावजूद बेटियों को दु:ख सहना करना पड़े, तो कहीं न कहीं कानून में कोई कमी जरूर है. इसके लिए कहीं न कहीं सरकार और व्यवस्था और हम सब जिम्मेवार हैं.
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दहेज का दर्द कब तक?
आज भी हमारे देश में दहेज के लिए बहू-बेटियों को प्रताड़ित किया जाता है़ बेशक लड़कियां शिक्षित हो गयी हैं लेकिन फिर भी दहेज जैसी कुप्रथा से वे मुक्त नहीं हो पायी हैं. अगर सख्त कानून बनने के बावजूद बेटियों को दु:ख सहना करना पड़े, तो कहीं न कहीं कानून में कोई कमी जरूर है. […]
आज भी हमारे देश में दहेज के लिए बहू-बेटियों को प्रताड़ित किया जाता है़ बेशक लड़कियां शिक्षित हो गयी हैं लेकिन फिर भी दहेज जैसी कुप्रथा से वे मुक्त नहीं हो पायी हैं.
महिमा पांडेय, रांची
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