अदालत फांसी दे, तो यह गलत नहीं

अगर अमर्त्य सेन और उनके सहयोगी यह भरोसा दिला दें कि कोई किसी की हत्या नहीं करेगा, तो उनका कहना सही होगा कि अपराध के बदले मृत्युदंड देना समाज के लिए हितकर नहीं होगा. एक अपराधी को सजा देना, सिर्फ उसको सजा देना ही नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतवानी है कि भविष्य में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2014 4:53 AM

अगर अमर्त्य सेन और उनके सहयोगी यह भरोसा दिला दें कि कोई किसी की हत्या नहीं करेगा, तो उनका कहना सही होगा कि अपराध के बदले मृत्युदंड देना समाज के लिए हितकर नहीं होगा. एक अपराधी को सजा देना, सिर्फ उसको सजा देना ही नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतवानी है कि भविष्य में ऐसा न हो. समाज में विधि-व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए अपराधी को सजा देने का प्रावधान है.

ऐसा लगता है कि अमर्त्य सेन एक भावुक व्यक्ति हैं, उन्हें लगता होगा कि अगर एक निर्दोष व्यक्ति को मौत की सजा मिल जाती है, तो उसके प्राण वापस नहीं आ सकते हैं. इसीलिए वे मौत की सजा खत्म करने के पक्षधर हैं. अपराध की गंभीरता को देखते हुए सही फैसला देना अदालत की जिम्मेवारी होती है और अगर उसने किसी को फांसी की सजा मुकर्रर कर दी तो उसका सम्मान करना चाहिए.

तरुण कुमार, हेहल, रांची

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