राजनीतिक व्यवस्था सुधरे
संविधान के अनुसार राजनीति परिवार से शुरू नहीं होती, बल्कि जनता-जर्नादन से शुरू होती है. राजनीति में पक्ष और विपक्ष के सहारे ही हमारे देश की लोकतंत्र या राजतंत्र की व्यवस्था संचालित होती है. इसके बाद भी हमारे देश की विशिष्ट परंपरा में से एक वह है जो नयी पार्टी का गठन करते हैं. छोटी […]
संविधान के अनुसार राजनीति परिवार से शुरू नहीं होती, बल्कि जनता-जर्नादन से शुरू होती है. राजनीति में पक्ष और विपक्ष के सहारे ही हमारे देश की लोकतंत्र या राजतंत्र की व्यवस्था संचालित होती है. इसके बाद भी हमारे देश की विशिष्ट परंपरा में से एक वह है जो नयी पार्टी का गठन करते हैं.
छोटी पार्टियां राजनीति को गंदा कर रही हैं.
नयी पार्टियों के गठन से हमारी अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है. रही बात राजनीतिक परिवार को बढ़ावा देनी की, तो लगभग सभी राज्यों में इसका बोलवाला है. चुनाव के दौरान टिकट वितरण में पैसे लिये जाते हैं. गरीब आम जनता टिकट से वंचित होते रहे हैं. वर्तमान समय में राजनीति कमाने का एक जरिया बन चुका है. सरकार इसका कोई वैकल्पिक निदान ढूंढ़ें. राजनीति में सभी वर्ग के लोगों को मौका मिलना चाहिए.
ईजी रमण कुमार, खैरीडीह, खगड़िया