दिनोंदिन सुलभ होती इंटरनेट की सुविधा के परिणामस्वरूप आज का युवा परिवार, समाज और खेलों से दूर होता जा रहा है. वह केवल इंटरनेट की आभासी दुनिया में खो जाना चाहता है. इंटरनेट का उपयोग एक सीमा तक किया जाये तो बेहतर है, वरना यह उसके शरीर व मन को प्रभावित करता है.
अकसर कानों में इयरफोन लगाये और मोबाइल पर नजरें टिकाये युवा सड़कों पर घूमते देखे जा सकते हैं. इसके कारण दुर्घटनाओं का भी डर बना रहता है. वहीं, अब सेल्फी के क्रेज के चलते कई हादसों की खबरें आ चुकी हैं. ऐसे में क्या यह जरूरी नहीं हो जाता कि स्कूल-कॉलेजों में युवाओं को मोबाइल फोन और इंटरनेट का सही उपयोग करना सिखाया जाये?
सुमंत झा, बोकारो