सरकार ने हमारी रक्षा के लिए पुलिस तथा रक्षा बल तैनात किये हैं. पुलिस का फर्ज है हमारी हिफाजत करना और हमारी मुश्किलों को आसान करना़ पुलिस अपना फर्ज बखूबी निभा भी रही है.
ऐसे में हमारा उनके मंसूबों पर बार-बार शक करना, लोगों में उनके प्रति नकारात्मक छवि उभारता है. आज समाज में साफ-साफ देखा जा रहा है कि लोग अच्छे कामों को प्रोत्साहन देने के बजाय बुरे कामों की निंदा करना ज्यादा जरूरी समझते हैं. इसके कारण अच्छे काम करनेवालों के मन में भी नकारात्मकता भरती जा रही है. इसका साफ असर पुलिस विभाग में भी देखा जा रहा है.
उन पर बार-बार शक की ऊंगली उठाने से उनका मनोबल तथा उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है. इसका सीधा-सीधा परिणाम यह आ रहा है कि जो ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, वो भी अब नकारात्मकता की ओर जा रहे हैं. इसलिए हमें अनावश्यक टीका-टिप्पणी करने से बचना चाहिए़
अनिकेत सौरव, हंसडीहा, दुमका