केजरीवाल से क्या सीखें शीला दीक्षित

शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, लेकिन जनता की नब्ज नहीं टटोल पायीं. कहावत भी है कि सौ सोनार की, एक लोहार की. वह मेट्रो, फ्लाइ ओवर बनवा रही थीं, लेकिन जब प्याज 100 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा था, तो वह समझ नहीं पायीं कि दिल्ली की जनता अंदर-अंदर क्या सोच रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2014 4:42 AM

शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, लेकिन जनता की नब्ज नहीं टटोल पायीं. कहावत भी है कि सौ सोनार की, एक लोहार की. वह मेट्रो, फ्लाइ ओवर बनवा रही थीं, लेकिन जब प्याज 100 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा था, तो वह समझ नहीं पायीं कि दिल्ली की जनता अंदर-अंदर क्या सोच रही है. दूसरी ओर, वह कॉमनवेल्थ खेल करवा रही थीं, लेकिन उनकी नाक के नीचे सुरेश कलमाडी भ्रष्टाचार का खेल खेल रहे थे, जो उन्हें नहीं दिखा.

अत: उनके सारे किये-कराये पर पानी फिर गया और अरविंद केजरीवाल के हाथों वह खुद भी अपनी विधानसभा सीट नहीं बचा पायीं. दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पानी, बिजली और लोकपाल आदि मुद्दों पर चुनाव पूर्व किये गये अपने वादे पर खरे उतरे. शीला सहित अन्य नेताओं को उनसे सीख लेनी चाहिए.

डॉ भुवन मोहन, रांची

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