व्यवस्था कब सुधरेगी?

ओआरओपी को लेकर पूर्व सैनिक के आत्महत्या करने पर सियासी संग्राम खड़ा हो गया. अब खबर यह आ रही है कि एक बड़े बैंक की हरियाणा स्थित भिवानी शाखा ने हिसाब करने में गड़बड़ी की, जिससे पूर्व सैनिक ग्रेवाल को कम पैसा मिला. हिसाब की गड़बड़ी आज एक पूर्व सैनिक की जान ले गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2016 6:18 AM
ओआरओपी को लेकर पूर्व सैनिक के आत्महत्या करने पर सियासी संग्राम खड़ा हो गया. अब खबर यह आ रही है कि एक बड़े बैंक की हरियाणा स्थित भिवानी शाखा ने हिसाब करने में गड़बड़ी की, जिससे पूर्व सैनिक ग्रेवाल को कम पैसा मिला. हिसाब की गड़बड़ी आज एक पूर्व सैनिक की जान ले गयी है.
उस शाखा से संबंधित जो जिम्मेदार कर्मचारी है, उस पर कड़ी कार्रर्वाई होनी ही चाहिए. हिसाब को ठीक तरीके से न संभालने के कारण किसी को कितनी परेशानी होती है, उसका अंदाजा लापरवाह कर्मचारियों को कैसे होगा? ऐसी बात और किसी के साथ हो रही हो, तो उसे तुरंत सरकार को बताना जरूरी है. सरकार को भी अपनी व्यवस्था में रही कमियों को सुधारने के लिए तुरंत उस शिकायत को सुलझाने के लिए सक्त कदम उठाने चाहिए. किसी को खुदकुशी करने पर मजबूर करनेवाली ऐसी व्यवस्था जब तक सुधारी नहीं जाती, तब तक आम जनता को उसकी परेशानी उठाने पड़नेवाली है. इस प्रकरण से सरकारी बैंकों में कारोबार किस तरह चलता है, यह सामने आया है.
जयेश राणे, मुंबई

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