आइटी में घटती नौकरियां
सूचना तकनीक के क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार कम होने का सीधा असर नौकरियों पर पड़ा है. आइटी सेक्टर में हालिया वर्षों की 12 से 15 फीसदी की वृद्धि दर की जगह इस साल वृद्धि आठ से नौ फीसदी ही रहने का अनुमान है. इस बीच कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी की ताजा रिपोर्ट का कहना है […]
सूचना तकनीक के क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार कम होने का सीधा असर नौकरियों पर पड़ा है. आइटी सेक्टर में हालिया वर्षों की 12 से 15 फीसदी की वृद्धि दर की जगह इस साल वृद्धि आठ से नौ फीसदी ही रहने का अनुमान है. इस बीच कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी की ताजा रिपोर्ट का कहना है कि आइटी सेक्टर में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में नियुक्तियों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 43 फीसदी की कमी आयी है. जुलाई से सितंबर की तिमाही में इस क्षेत्र की चार शीर्ष कंपनियों के कारोबार में मामूली बढ़त दर्ज की गयी थी, जो पिछले कुछ सालों में सबसे कम है.
ऐसे में आकलन यह भी है कि आइटी से जुड़े कोर्स कर शिक्षण संस्थानों से निकलनेवाले युवाओं के सामने बीते साल की तुलना में 20 फीसदी कम अवसर होंगे और वेतन-भत्तों में भी वृद्धि की गुंजाइश कम होगी. वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट और आइटी में ऑटोमेशन के बढ़ते चलन का यह नकारात्मक असर आगे भी जारी रहने की आशंका है.
इस संबंध में चिंता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि इस क्षेत्र में आधी से भी कम नौकरियां ही सीधे तौर पर आइटी पेशेवरों की हैं, जबकि शेष अन्य कामों से संबद्ध हैं. अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में सितंबर में पांच फीसदी की संतोषजनक बढ़ोतरी हुई है, पर रोजगार के अवसरों का सृजन लगातार कम होता जा रहा है. ऐसे में विकास दर को बढ़ाने में अवरोध पैदा हो सकता है. हाल के वर्षों में आइटी क्षेत्र न सिर्फ तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर रहा है, बल्कि विदेशी मुद्रा के अर्जन में भी इसका उल्लेखनीय योगदान है. अर्थव्यवस्था और शासन को डिजिटल स्वरूप देने में भी इसकी अहम भूमिका है.
अगले पांच साल में सरकार का लक्ष्य डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने का है. इसे पूरा करने के लिए आइटी क्षेत्र की संभावनाओं को समुचित रूप से उपयोग करने की आवश्यकता है. इस प्रक्रिया में निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य एक मुख्य कारक है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसे प्रयास की जरूरत है, जिससे आइटी की बढ़त को बरकरार रखा जा सके. उम्मीद है कि सरकार और आइटी क्षेत्र में सक्रिय कंपनियां, दोनों इस दिशा में सकारात्मक और त्वरित पहल कर नौकरियों की घटती संख्या के सिलसिले को रोकने की कोशिश करेंगे.