निर्णय स्वागत योग्य

आर्थिक शुचिता को प्राप्त करने तथा समानांतर अर्थव्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने हजार और पांच सौ के नोटों को अवैध घोषित किया है. सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है. लेकिन इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें भी हैं. देश 70 फीसदी आबादी कृषि और निजी क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी पर अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2016 6:35 AM
आर्थिक शुचिता को प्राप्त करने तथा समानांतर अर्थव्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने हजार और पांच सौ के नोटों को अवैध घोषित किया है. सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है. लेकिन इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें भी हैं. देश 70 फीसदी आबादी कृषि और निजी क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी पर अपना जीवन यापन करती है. इनके द्वारा यह पैसा दाल चावल एवं चिकित्सा में खर्च किया जाता है. अधिकांश आबादी को डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड के बारे में कोई परिपक्व जानकारी नहीं है. इनमें से कई लोगों के पास बैंक खाता भी नहीं है.
ऐसे में यदि उसके पास 500 या हजार के दो चार नोट पड़े हो तो उसका क्या करेगा, यह सोचने का विषय है. सरकार के अनुसार बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर इन पुराने नोटों को बदलवाया जा सकता है. लेकिन प्रश्न हैं कि तुरंत में इन बैंकों और पोस्ट ऑफिसों में इसके क्या इंतजाम किये गये हैं. क्या बैंक व पोस्ट ऑफिस हजारों की भीड़ को संभाल सकेगी.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी

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