बेलगाम आतंक

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के दूरस्थ इलाके में एक सूफी दरगाह में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में कम-से-कम 52 लोग मारे गये हैं और घायलों की संख्या सौ से अधिक है. इस भयावह घटना ने एक बार फिर पाकिस्तानी सत्ता की आतंक से निपटने और धार्मिक अल्पसंखयकों की सुरक्षा के कथित प्रयासों की कलई खोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 6:34 AM

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के दूरस्थ इलाके में एक सूफी दरगाह में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में कम-से-कम 52 लोग मारे गये हैं और घायलों की संख्या सौ से अधिक है.

इस भयावह घटना ने एक बार फिर पाकिस्तानी सत्ता की आतंक से निपटने और धार्मिक अल्पसंखयकों की सुरक्षा के कथित प्रयासों की कलई खोल दी है. खूंखार गिरोह इसलामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेवारी ली है और रिपोर्टों के अनुसार इसे अंजाम देने के लिए एक 14 साल के बच्चे को मानव बम के रूप में इस्तेमाल किया गया है. पाकिस्तान सरकार के सौतेले व्यवहार और संसाधनों के बेजा दोहन के विरुद्ध बलूचिस्तान में लंबे समय से प्रतिरोध चल रहा है. रविवार को ही प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस प्रांत में चीनी सहयोग से बने ग्वादर बंदरगाह का उदघाटन किया है. इस अशांत क्षेत्र में अगस्त के बाद यह तीसरा बड़ा आतंकवादी हमला है. एक तरफ पाकिस्तानी सरकार लोगों के जान-माल की रक्षा करने में विफल रही है, वहीं उनके लोकतांत्रिक और आर्थिक अधिकारों का लगातार हनन भी किया जा रहा है.

सरकार और सेना बरसों से चरमपंथी संगठनों और आतंकवादी गिरोहों को शह और पनाह देकर उनका उपयोग देश के भीतर अपनी अवाम और पड़ोसी देशों के खिलाफ करती आ रही हैं. इन्हीं खतरनाक नीतियों का भयावह खामियाजा पाकिस्तान की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. देश के हर हिस्से में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. अतिवादी हिंसा को भड़कानेवाले सरगना खुलेआम अल्पसंख्यकों और पड़ोसी देशों के विरुद्ध आग उगलते रहते हैं. पाकिस्तान का शासन उन्हें रोकने के देश-विदेश के आह्वानों को अनसुना करता रहा है. आतंक रोकना तो दूर की बात, सरकार पीड़ितों को बुनियादी राहत पहुंचाने को लेकर भी उदासीन है.

बलूचिस्तान से भारी कमाई करनेवाली केंद्रीय सरकार बुनियादी सुविधाएं मुहैया करने में भी विफल रही है. शाह नूरानी की दरगाह पर बहुत देर से चिकित्सक और वाहन पहुंच सके हैं. घटनास्थल से अस्पताल बहुत दूर हैं और सड़कें भी खराब हैं. निर्दोष लोगों को निशाना बनानेवाले इस हमले ने पाकिस्तानी हुक्मरानों के स्वार्थी इरादों को भी बेनकाब किया है.

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