”काला रंग” निराला रे

मुकुल श्रीवास्तव टिप्पणीकार आजकल हर जगह कालेधन की ही चर्चा है. बात जब काले की होती है, तो हम थोड़ा सचेत हो जाते हैं, क्योंकि इससे न जाने क्या-क्या नकारात्मक बातें हमारे जेहन में आने लगती हैं- जैसे काला धंधा, काली किस्मत आदि. काली चीजों के बारे में सोचते हुए मैंने भी अपनी कई रातें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2016 6:39 AM

मुकुल श्रीवास्तव

टिप्पणीकार

आजकल हर जगह कालेधन की ही चर्चा है. बात जब काले की होती है, तो हम थोड़ा सचेत हो जाते हैं, क्योंकि इससे न जाने क्या-क्या नकारात्मक बातें हमारे जेहन में आने लगती हैं- जैसे काला धंधा, काली किस्मत आदि. काली चीजों के बारे में सोचते हुए मैंने भी अपनी कई रातें काली की हैं. रातें जरूर काली हुईं, पर मुझे काले रंग के कई उजले पक्ष के बारे में जानने का मौका मिला. जहां सरकार कालेधन से छुटकारा चाहती है, वहीं बाजार में गोरा बनानेवाली क्रीम की भरमार है. काला बाजार से लेकर काले रंग तक हम किसी न किसी तरह से काले के प्रभाव में रहते हैं.

क्या काला रंग वाकई इतना बुरा होता है, जितना हम उसे मानते हैं? या यह महज हमारे दिमाग के नजरिये का मामला है कि हमने काले रंग को गलत चीजों के साथ जोड़ दिया है. कहानी में यहीं से थोड़ा बदलाव आता है, क्योंकि मेरे काले कंप्यूटर की काली स्क्रीन में काले अक्षर ही उभर रहे हैं.

मेरी त्वचा का रंग भी काला है और मुझे इस पर फख्र है.

यूं तो काला रंग हमेशा से प्रभुत्व और वर्चस्व के प्रतीक रूप में इस्तेमाल होता आया है. सफेद ने अगर शांति के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनायी है, तो काला रंग जाने-अनजाने अपने अंदर एक अलग आकर्षण रखता है. फिर चाहे वह ब्लैक ब्यूटी हो या फिर कोई ब्लैक वेहिकल. अफ्रीका के काले लोगों के शारीरिक सौष्ठव की बात हो या फिर भारत में बंगाल के काले जादू की. सबकी अपनी एक पहचान है. अमावस की काली रात हो या काल भैरव की पूजा, हर जगह काले का ही बोलबाला है. जिंदगी की डगर पर अगर आगे बढ़ना है, तो पेंसिल की काली रेखा की जरूरत होगी या फिर इस डिजिटल दुनिया में ओएमआर शीट के काले गोले, जो आपको सफलता के दरवाजे तक ले जायेंगे.

जीवन में सफल होने के लिए सिर्फ शिक्षा की ही जरूरत नहीं होती. जरा सोचिये, जेम्स वाॅट ने किस तरह भाप की शक्ति को पहचान कर काले कोयले को ऊर्जा के एक नये साधन के रूप में दुनिया से परिचित कराया. इन्हीं भाप के इंजनों ने औद्योगिकीकरण की नींव रखी, जिससे हम सबकी जिंदगी बेहतर हुई.

बात जब जिंदगी की चल पड़ी है, तो फिर हमारा और आपका किस्सा तो होगा ही, तो इस किस्से को और आगे बढ़ाते हुए कुछ खूबसूरत चीजों को याद दिलाना चाहता हूं. हमारे जीवन में कितना कुछ है, जो काला होते हुए भी सुंदर है, आकर्षक है. वह चाहे बालों का काला रंग हो, या कजरारे नैन. भगवान कृष्ण के सांवले सलोने रूप को ही ले लीजिये. नींबू वाली काली चाय का असली मजा तो आप तभी ले सकते हैं, जब आसमान में काली घटाएं छायी हों. मेरे जैसे न जाने कितने लेखकों ने कितने पन्ने काले कर दिये सिर्फ अपनी बात को दूसरों तक पहुंचाने के लिए. हां मेरे और आपके सभी के शैक्षणिक जीवन की शुरुआत का आधार भी एक काला बोर्ड ही होता है, लेकिन फिर भी हम काले रंग से न जाने क्यों बचना चाहते हैं!

जीवन ने हमें कई रंग दिये हैं. उनमे से एक रंग काला भी है. इंसान या उससे जुड़ी हुई कोई चीज अच्छी या बुरी हो सकती है, पर रंग नहीं. रंगों की भाषा में आप इसको यूं समझें कि हम काले रंग के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि समाज में होनेवाली काली करतूतों के खिलाफ हैं. फिर वह चाहे कालाधन हो या काला बाजारी. इसलिए अपना रंग गोरा करने के बजाय जो रंग भगवान ने आपको दिया है, उसमें खुश रहें. वहीं समाज के कालेपन को खतम करने के लिए आप जो कर सकते हैं, वह जरूर करें. फिर कहता हूं, याद रखें कि कोई रंग बुरा नहीं होता.

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