सीएनटी में संशोधन अनुचित

कुछ विद्वान तर्क दे रहे हैं कि सीएनटी में संशोधन आदिवासी हित में है. इससे आदिवासियों का भला होगा. लेकिन कड़वा सच तो यह है कि इसमें आदिवासी हित निहित ही नहीं है. ये महज चंद बिजनेसमैन को लाभ दिलाने के लिए कर रहे हैं. दरअसल कोलोनियल पीरियड से जो आदिवासियों के शोषण हो रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 6:56 AM
कुछ विद्वान तर्क दे रहे हैं कि सीएनटी में संशोधन आदिवासी हित में है. इससे आदिवासियों का भला होगा. लेकिन कड़वा सच तो यह है कि इसमें आदिवासी हित निहित ही नहीं है. ये महज चंद बिजनेसमैन को लाभ दिलाने के लिए कर रहे हैं. दरअसल कोलोनियल पीरियड से जो आदिवासियों के शोषण हो रहा है, वह अब तक जारी है.
विकास और राज्य हित के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित किया जा रहा है. बस्तर, कालाहांडी की बात जब आती है, तो सरकार अपनी नजर बंद कर लेती है. सरकार मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया प्रोग्राम चला रही है, लेकिन विकास के लिए सरकार विकास का पश्चिमी मॉडल ढो रही है. 70 साल से आदिवासियों की बात होती है, लेकिन उनसे कभी नहीं पूछा जाता है कि आदिवासी को किस तरह का विकास चाहिए? सीएनटी पर भी यही हो रहा है.
रामपद सिंह, इमेल से

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