नयी पहल का स्वागत
सीबीएसइ द्वारा शैक्षणिक पैटर्न में बदलाव लाना निश्चित तौर पर स्वागतयोग्य कदम है. मानव स्वभाव की विशेषता होती है कि जो कुछ हमें आसानी से मिल जाता है, हम उसकी अहमियत नहीं समझते हैं. कुछ ऐसा ही वर्तमान समय की शिक्षा पद्धति में है. अभी विद्यार्थी के दो वर्ग हैं. एक तो वे जो विद्यार्थी […]
सीबीएसइ द्वारा शैक्षणिक पैटर्न में बदलाव लाना निश्चित तौर पर स्वागतयोग्य कदम है. मानव स्वभाव की विशेषता होती है कि जो कुछ हमें आसानी से मिल जाता है, हम उसकी अहमियत नहीं समझते हैं. कुछ ऐसा ही वर्तमान समय की शिक्षा पद्धति में है. अभी विद्यार्थी के दो वर्ग हैं.
एक तो वे जो विद्यार्थी नि:संदेह बहुत अच्छी पढ़ाई करते हैं और जीवन में कुछ अच्छा मुकाम पाना चाहते हैं, तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे विद्यार्थी हैं, जो सिर्फ पास करने की उम्मीद पर टिके होते हैं. उनकी यही सोच आगे की प्रतियोगी परीक्षा में पढ़ाई के गिरते क्वालिटी के कारण बनती है. अब इन बच्चों के बीच ये खाई खत्म होगी और बदले हुए शिक्षा के पैटर्न में सभी बच्चे अपने अटेंडेंस और ज्यादा से ज्यादा पढ़ायी कर अच्छा परसेंटेज लाने की कोशिश करेंगे और अंतत: उनका और पढ़ाई के क्वालिटी में सुधार होगा.
सुजाता दास, इमेल से