सत्ता का महंगाई से नाता पुराना
हाल ही में मीडिया ने देश की जनता के लिए अच्छी खबर दी है कि खुदरा मंहगाई दर कम हो गयी है. बस इतनी सी देर थी कि इसके लिए केंद्र की कांग्रेस सरकार अपनी पीठ थपथपाने लगी. चाहे जो हो, आपको यह बात तो माननी होगी कि कांग्रेस की बाजार पर कितनी पकड़ है […]
हाल ही में मीडिया ने देश की जनता के लिए अच्छी खबर दी है कि खुदरा मंहगाई दर कम हो गयी है. बस इतनी सी देर थी कि इसके लिए केंद्र की कांग्रेस सरकार अपनी पीठ थपथपाने लगी. चाहे जो हो, आपको यह बात तो माननी होगी कि कांग्रेस की बाजार पर कितनी पकड़ है कि चुनाव आते ही वह महंगाई नीचे ले आयी. लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस सरकार जनता को क्या इतना बेवकूफ समझती है कि उसे यह समझने में देर लगेगी कि इससे पहले महंगाई बढ़ाने में भी किसका योगदान था और जिस महंगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी उसका फायदा किस पार्टी को मिला? बेशक महंगाई बढ़ाने और चुनाव के समय उसे करने में सीधे तौर पर सरकार का ही फायदा है. यानी चित भी मेरी और पट भी मेरी. लेकिन जनता यह समझ चुकी है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही महंगाई क्यों बढ़ जाती है.
नवीन कुमार सिन्हा, जमशेदपुर