रांची यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव का ऐलान हो चुका है. वर्षों से छात्र संघ चुनाव होते आये हैं, लेकिन छात्र राजनीति की जो वास्तविकता है, उससे तमाम छात्र नेता दूर है. छात्र राजनीति के नाम पर गुंडागर्दी और अराजकता का डर पैदा हुआ है, लेकिन यह छात्र राजनीति का वास्तविक रास्ता नहीं है.
आज ग्लोबल दुनिया तेजी से नयी मान्यताओं को परिभाषित और स्थापित कर रहा है. ऐसे समय में छात्रों को जनहित और सामाजिक मुद्दों को अपने आंदोलन का वैचारिक आधार बनाना होगा. समाज के संघर्षों के साथ गंभीरता से जुड़ना होगा, क्योंकि आज देश में संवैधानिक मूल्यों का हनन, जातिगत भेदभाव, सत्ता और कारपोरेट की खुली लूट मची है. ऐसे समय में स्वच्छ, पारदर्शिता और नियमपूर्वक राजनीति करना छात्रों के लिए बहुत जरूरी है.
सुमित कुमार बडाईक,सिसई