बांटो और राज करो की कांग्रेसी नीति

तेलंगाना के मुद्दे पर लोकतंत्र के मंदिर में जो कुछ घटित हुआ, वह आतंकवादी घटना से कम नहीं था. कांग्रेस के सांसद ने संसद रूपी मंदिर को अपवित्र कर लोकतंत्र को शर्मसार किया है. हर मुद्दे को देशहित के बजाय वोट बैंक के राजशाही चश्मे से देखना कांग्रेस की आदत रही है. इसका खमियाजा इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2014 5:00 AM

तेलंगाना के मुद्दे पर लोकतंत्र के मंदिर में जो कुछ घटित हुआ, वह आतंकवादी घटना से कम नहीं था. कांग्रेस के सांसद ने संसद रूपी मंदिर को अपवित्र कर लोकतंत्र को शर्मसार किया है. हर मुद्दे को देशहित के बजाय वोट बैंक के राजशाही चश्मे से देखना कांग्रेस की आदत रही है. इसका खमियाजा इस देश के लोग खास कर युवा भुगत रहे हैं. कांग्रेस अंगरेजों की तरह ‘बांटो और राज करो’ की नीति के सहारे आज तक सत्ता सुख भोग रही है और उसी के तहत आंध्र प्रदेश के बंटवारे के लिए एक बिल लोकसभा में पेश करना था.

इस बिल पर सार्थक बहस की गुंजाइश थी, किंतु लैन्को इन्फ्राटेक के धनकुबेर कांग्रेसी सांसद एल राजगोपाल ने संसद में जो जघन्य कुकृत्य किया, वह संसद भवन पर हुए हमले से कमतर नहीं और यह आतंकी अफजल के गुनाह से भी जघन्य था.

संजय कुमार आजाद, रांची

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