9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अनायास नहीं हो रहा जूतों से स्वागत!

भारत में मंत्रियों और नेताओं का आम तौर पर फूल-मालाओं से स्वागत होते देखा जाता है. परंतु पिछले कुछ सालों से, बीच-बीच में देखने को मिलता है कि आम जनता उनके स्वागत के लिए जूते-चप्पलों और थप्पड़ का इस्तेमाल कर रही है. अब सवाल यह है कि आखिर यह नौबत क्यों आ रही है? दरअसल, […]

भारत में मंत्रियों और नेताओं का आम तौर पर फूल-मालाओं से स्वागत होते देखा जाता है. परंतु पिछले कुछ सालों से, बीच-बीच में देखने को मिलता है कि आम जनता उनके स्वागत के लिए जूते-चप्पलों और थप्पड़ का इस्तेमाल कर रही है. अब सवाल यह है कि आखिर यह नौबत क्यों आ रही है? दरअसल, भारत में नेताओं की बहुत इज्जत होती थी.

पर जैसे-जैसे आम जनता यह समझने लगी कि भ्रष्टाचार और अन्य बुनियादी समस्याओं के पोषक यही नेता जी हैं, तभी से वह गुस्से से लाल है और अपनी नाखुशी का इजहार करने के लिए जूते-चप्पल चला रही है.

जनता जिस नेता पर विश्वास कर उसे अपना प्रतिनिधि चुनती है, अगर वही दगाबाज निकल जाये तो दुख होगा ही. भला कौन मंत्री (कुछ अपवाद हैं) अपने अधिकारियों से कामों का हिसाब लेता है? फाइलें महीनों-सालों तक दफ्तरों में लटकी रहती हैं.

जिस अधिकारी के चैंबर में जितनी अधिक फाइलें जमा हो जाती हैं वह खुद को उतना ही बड़ा अधिकारी समझता है. अब झारखंड को ही ले लीजिए. शर्म और जिम्मेवारी क्या होती है, यहां के नेताओं को मालूम ही नहीं है. जनता के सामने ही एक मंत्री दूसरे मंत्री से लड़ता है. अब ऐसी सरकार से जनता क्या आशा करे? सभी मंत्री अधिकारियों के साथ मिल कर लूटने में लगे हैं. तुम मेरी पीठ खुजलाओ, मैं तेरी खुजलाता हूं वाला मामला है.

इसमें परेशान होती है आम जनता, क्योंकि खास लोगों का काम तो मिनटों में ही हो जाता है. अगर कोई अधिकारी बिना चढ़ावे के काम नहीं करता है, तो आप किसके पास शिकायत करेंगे? सब का कमीशन बंधा हुआ है. आश्वासन मिलेगा देखता हूं, और इंतजार करते-करते आपकी जिंदगी गुजर जायेगी. ऐसे ही नहीं दिल्ली की जनता ने भ्रष्टाचारियों को दूर धकेल दिया है.

हरिश्चंद्र कुमार, पांकी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें