फिर से ठगा महसूस कर रहे हैं किसान

किसान अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मानसून की बेवफाई के कारण उम्मीद जैसी फसल नहीं हो पायी. परंतु जो भी फसल हुई है, उसे खरीदने के लिए अभी तक राज्य में धान क्रय केंद्र नहीं खुला है. किसान को अपनी फसल ओने-पौने दाम में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2016 5:59 AM
किसान अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मानसून की बेवफाई के कारण उम्मीद जैसी फसल नहीं हो पायी. परंतु जो भी फसल हुई है, उसे खरीदने के लिए अभी तक राज्य में धान क्रय केंद्र नहीं खुला है. किसान को अपनी फसल ओने-पौने दाम में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. किसान दोहरी मार झेलने को विवश हैं.
किसानों ने फसल उगाने के लिए जो भी पैसे उधार या बैंक से लिए थे अब वो कैसे चुकायेंगे, उसकी चिंता सता रही है. पिछले वर्ष भी धान क्रय केंद्र खुलने में देरी हुई थी. तब तक आधे से अधिक किसान कम दर पर पूंजीपतियों के यहां धान बेच चुके थे. इस वर्ष सरकार के पास पहले की गलती को सुधारने का मौका था, लेकिन सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है.
प्रताप तिवारी, सारठ

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