मोदी जी की मनी पॉलिसी
वो दिन आज भी याद है, जब अचानक से टेलीविजन पर नोट बंदी की खबर आयी थी. चौक–चौराहे, घर, कॉलेज हर जगह बस एक ही बातों पे बहस चल रही थी, वो थी मोदी जी की मनी पॉलिसी. जनता ने उल्लास के साथ इस नीति का स्वागत किया. वे काम–धंधा छोड़ कर लंबे समय तक […]
वो दिन आज भी याद है, जब अचानक से टेलीविजन पर नोट बंदी की खबर आयी थी. चौक–चौराहे, घर, कॉलेज हर जगह बस एक ही बातों पे बहस चल रही थी, वो थी मोदी जी की मनी पॉलिसी.
जनता ने उल्लास के साथ इस नीति का स्वागत किया. वे काम–धंधा छोड़ कर लंबे समय तक बैंकों में लगे कतारों में नोट जमा करने के लिए इस उम्मीद के साथ खड़े रहे कि काला धन समाप्त हो जायेगा लेकिन हुआ इसका उल्टा. काला धन तो सफेद कर लिया गया लेकिन कई के घर उजड़ गये. जिस आंगन से दुल्हन की डोली निकलने वाली थी, उस आंगन से अर्थी निकली. मोदी जी, ये कैसा मनी पॉलिसी है?
सुशान्त दुबे, धरवाडीह, देवघर