वेतन भुगतान की नयी पहल

विमुद्रीकरण के बाद नकदी संकट से कारोबार प्रभावित हुए हैं, खास कर ठेके पर काम करनेवाले और दिहाड़ी मजदूरों को तय समय पर भुगतान नहीं हो पाने से समस्याएं और भी बढ़ी हैं. ऐसे में नकदी की कमी से जूझ रही जनता को राहत देने और डिजिटल भुगतान प्रक्रिया को बढ़ावा देने के मकसद से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2016 6:27 AM
विमुद्रीकरण के बाद नकदी संकट से कारोबार प्रभावित हुए हैं, खास कर ठेके पर काम करनेवाले और दिहाड़ी मजदूरों को तय समय पर भुगतान नहीं हो पाने से समस्याएं और भी बढ़ी हैं. ऐसे में नकदी की कमी से जूझ रही जनता को राहत देने और डिजिटल भुगतान प्रक्रिया को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्रीय कैबिनेट ने वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.
शोर-शराबे में बीते शीतकालीन सत्र के बाद अब सरकार को इ-पेमेंट या चेक पेमेंट की व्यवस्थागत सुधार प्रक्रिया को लागू करने के लिए अध्यादेश का सहारा लेना पड़ा है. वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 के तहत व्यावसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को नकद के रूप में वेतन देना होता है. यदि नियोक्ता चेक के माध्यम से या सीधे बैंक खाते में वेतन की राशि जमा करना चाहता है, तो इसके लिए संबंधित कर्मचारी की लिखित सहमति अनिवार्य है. भुगतान नहीं मिलने या कम मिलने जैसी शिकायतों को दूर करने और डिजिटल व नकदीरहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य को पूरा करने का जिक्र इस अध्यादेश में है.
हालांकि, पंजाब, हरियाणा, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्य वेतन का चेक और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान की व्यवस्था को पहले से ही आगे बढ़ा रहे हैं. इस व्यवस्था को देशव्यापी बनाने के लिए संगठित और असंगठित क्षेत्रों के लिए कर्मचारियों के लिए बैंक खातों की व्यवस्था करने और उन्हें डिजिटल भुगतान के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ बैंक खातों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए सरकार को नये सिरे से सोचना होगा. डिजिटल लेन-देन की व्यवस्था में साइबर अपराध की घटना होने पर उपभोक्ताओं को तुरंत राहत पहुंचाने और साइबर बीमा की भी योजना पर काम करना होगा.
श्रम मंत्रालय के अनुसार 14 दिसंबर तक 24 लाख कर्मचारियों के लिए बैंक खाते खोले जा चुके हैं. संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी, जिनके पास बैंक खाते नहीं है, उनका बैंक खाता खोलने के लिए वित्त और श्रम मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चला रहे हैं. देश में 107 करोड़ नागरिकों तक आधार की पहुंच हो चुकी है. ऐसे में उम्मीद है कि बैंक खातों को सुरक्षित रखने और वित्तीय लेन-देन व्यवस्था को डिजिटल प्रारूप पर लाने में और तेजी आयेगी.

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