नोटबंदी की मार का ऐसा असर हुआ है की आम पलों को छोड़ दें तो खास पल भी इसका शिकार हुआ है. जिस पल के लिए एक आम आदमी जिंदगी भर पैसा जमा कर रखता है, सरकार ने उस पर भी बंदीश लगा दी है.
देशभक्ति की दुहाई देते हुए आम आदमी को ढाई लाख में शादी संपन्न करने का फरमान जारी किया जाता है, पर ये ढाई लाख भी मिल जाये तो किस्मत. एक तरफ जहां आम आदमी को अपना कर्त्तव्य का पाठ पढ़ाया जाता है, वहीं दूसरी ओर नेता, मंत्री, सांसद, विधायक करोड़ों की शादी करवाते हैं और उसमें शामिल भी होते हैं.
सरकार को पहले अपने नेता, मंत्री, सांसद, विधायक को फरमान जारी करना चाहिये था कि कोई भी नेता, मंत्री, सांसद, विधायक चाहे अपने घर पर शादी हो या कहीं भी, एक लाख से ज्यादा खर्च नहीं करेंगे. तब हर आम आदमी अपने घर पर होने वाले शादी में ढाई लाख नहीं, एक लाख खर्च करेंगे.सुमंत चौधरी, जमशेदपुर