राजनीति और नोटनीति

राजनीति या नोटनीति पर काफी चर्चा हो रही है. इस मुद्दे पर काफी बहसें भी हो रही हैं. यह मुद्दा बस राजनीति का एक दावं-पेंच ही रह गया है. हर तरफ बस नोट या कैश लेस की व्यवस्था ही हो रही. नोट अब नोट न रहकर पक्ष-विपक्ष की राजनीति का जरिया बन चुका है. मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2016 1:01 AM

राजनीति या नोटनीति पर काफी चर्चा हो रही है. इस मुद्दे पर काफी बहसें भी हो रही हैं. यह मुद्दा बस राजनीति का एक दावं-पेंच ही रह गया है. हर तरफ बस नोट या कैश लेस की व्यवस्था ही हो रही.

नोट अब नोट न रहकर पक्ष-विपक्ष की राजनीति का जरिया बन चुका है. मोदी जी के इस प्रयास की सराहना की जानी चाहिये, इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर के देश की विकास की ओर ध्यान दिया जाये, तो इसका परिणाम काफी बेहतर हो सकता है. इसे राजनीति का मुद्दा न बनाया जाये बल्कि देश के विकास में इसकी भागीदारी की महत्ता को समझा जाये. सरकार से जनता की गुजारिश है कि वे विकास के मुद्दों को राजनीति से न जोड़ें.

सौरभ कुमार गुप्ता, जरमुण्डी, दुमका

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