एक भूमि कानून बने
झारखंड राज्य में दो भूमि कानून है. दो भूमि कानून से किसी का भला नहीं हो सकता. आदिवासियों के हितों की रक्षा एसपीटी एवं सीएनटी एक्ट को सख्त बना कर नहीं हो सकता बल्कि काल एवं परिस्थिति यानी वर्तमान जरूरत को देखते हुए एवं समाज की मांग के मुताबिक दोनों एक्ट को मिलकर एकल भूमि […]
झारखंड राज्य में दो भूमि कानून है. दो भूमि कानून से किसी का भला नहीं हो सकता. आदिवासियों के हितों की रक्षा एसपीटी एवं सीएनटी एक्ट को सख्त बना कर नहीं हो सकता बल्कि काल एवं परिस्थिति यानी वर्तमान जरूरत को देखते हुए एवं समाज की मांग के मुताबिक दोनों एक्ट को मिलकर एकल भूमि कानून बनाया जाना चाहिए.
इसके पूर्व जनजागरूकता अभियान चलाकर जनता को विश्वास में लेकर फैले हुए विरोध पर नियंत्रण करना चाहिए ताकि इससे कोई अप्रिय घटना नहीं घटे.
यह सत्य है कि दोहरा भूमि कानून आदिवासियों के हितों की रक्षा एवं राज्य विकास में बहुत बड़ा बाधक है़ अत: एक्ट में आवश्यक संशोधन जरूरी है़. इस एक्ट को लेकर राज्य में जो अशांति है और लाखों की क्षति आम लोगों को हो रही है, यह राज्य हित में उचित नहीं प्रतीत होता है़ सरकार को इस पर गंभीरतापूर्वक आत्म-चिंतन कर ठोस निर्णय लेना चाहिए़
परमेश्वर झा, दुमका