जटिल नियुक्ति प्रक्रिया
JSSC द्वारा निकाले गये विज्ञापन में विसंगतियों को देखते हुए पता चलता है कि नीति निर्माणकर्ता शिक्षाविद या पदाधिकारीगण एक साजिश के तहत नियुक्ति प्रक्रिया जटिल बना दिये हैं जिससे कि सभी विज्ञापित पद नहीं भर पाये या फिर वे गलती कर रहे हैं जैसा कि प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में हुआ. प्रारंभिक विद्यालय के 25% […]
JSSC द्वारा निकाले गये विज्ञापन में विसंगतियों को देखते हुए पता चलता है कि नीति निर्माणकर्ता शिक्षाविद या पदाधिकारीगण एक साजिश के तहत नियुक्ति प्रक्रिया जटिल बना दिये हैं जिससे कि सभी विज्ञापित पद नहीं भर पाये या फिर वे गलती कर रहे हैं जैसा कि प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में हुआ. प्रारंभिक विद्यालय के 25% और शारीरिक शिक्षकों के अधिकांश पद खाली रह जायेंगे क्योंकि 2004 या उसके पहले नियुक्त अधिकांश शिक्षकों की उम्र 45 पार हो चुकी है.
जबकि उसके बाद नियुक्त शिक्षकों का अनुभव पांच वर्ष नहीं होगा. झारखंड गठन के बाद प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों को और शारीरिक शिक्षकों को एक बार मौका भी नहीं मिला है. यदि सरकार प्राथमिक शिक्षकों एवं शारीरिक शिक्षकों के साथ न्याय करना चाहते हैं, तो पारा शिक्षकों की तरह इन शिक्षकों की भी उम्र सीमा 55 वर्ष कर प्रथम नियुक्ति में एक बार मौका दिया जा सकता है.
जे.पी.यादव, मधुपुर,देवघर
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