अफसरों की राजनीति पर रोक लगे
नेताओं को मिलने वाली सुख सुविधाओं को देख कर हर कोई राजनीति में आना चाहता है. अगर नेताओं को मिलने वाली सुविधाएं हटा ली जाएं तो लालची लोगों का राजनीति से मोहभंग होने लगेगा और नि:स्वार्थ सेवा भाव वाले नेताओं को जगह मिलेगी. देश के लिए बुरी स्थिति यह है कि बड़े सरकारी अफसर भी […]
नेताओं को मिलने वाली सुख सुविधाओं को देख कर हर कोई राजनीति में आना चाहता है. अगर नेताओं को मिलने वाली सुविधाएं हटा ली जाएं तो लालची लोगों का राजनीति से मोहभंग होने लगेगा और नि:स्वार्थ सेवा भाव वाले नेताओं को जगह मिलेगी. देश के लिए बुरी स्थिति यह है कि बड़े सरकारी अफसर भी सेवानिवृति के बाद राजनीति में आ जाते हैं.
नौकरी में रहते हुए भी यह सुविधाओं का आनंद लेते हैं और बाद में भी उसे त्यागना नहीं चाहते. ऐसे भी अफसर देखे गए हैं जो रिटायरमेंट से पहले ही अपना इमान बेचकर किसी पार्टी के लिये काम करने लगते हैं और राजनीतिक बयानबाजी शुरू कर देते हैं. इससे देश को नुकसान होता है. चुनाव आयोग से आग्रह है कि सेवानिवृत अफसरों को चुनाव लड़ने से रोका जाए ताकि ये नौकरी के दौरान राजनीतिक महत्वकांक्षा में किसी पार्टी के पक्ष मे काम न करें.
मोहम्मद खुर्शीद आलम, औरंगाबाद