हथियारों की दौड़ का दौर!

चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के मौजूदा रिश्ते संतोषजनक नहीं हैं. तीनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं तथा बीते दशकों में अनेक युद्ध और छोटी-बड़ी झड़पें भी हो चुकी हैं. चीन ने पाकिस्तान से भारत-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देनेवाले आतंकी सरगना मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने के भारतीय प्रस्ताव को रोक दिया है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2017 6:23 AM
चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के मौजूदा रिश्ते संतोषजनक नहीं हैं. तीनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं तथा बीते दशकों में अनेक युद्ध और छोटी-बड़ी झड़पें भी हो चुकी हैं. चीन ने पाकिस्तान से भारत-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देनेवाले आतंकी सरगना मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने के भारतीय प्रस्ताव को रोक दिया है और अब वह पाकिस्तान को युद्धक मिसाइल उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है.
चीनी सरकार द्वारा संचालित ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने संपादकीय में कहा है कि भारत से बराबरी के लिए चीन पाकिस्तान को परमाणु हथियार ढोने की क्षमता रखनेवाले मिसाइल दे सकता है. इतना ही नहीं, अखबार ने पाकिस्तान को भारत के बराबर परमाणु अधिकार दिये जाने की वकालत भी की है.
चीन लंबे समय से पाकिस्तान को आर्थिक और सामरिक सहयोग मुहैया करा रहा है, लेकिन पाकिस्तान को भारत के समकक्ष रखने की उसकी मंशा इस क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए शुभ संकेत नहीं है. भारत द्वारा मिसाइल तकनीक में बेहतरी किये जाने पर यदि चीन को आपत्ति है, तो वह कूटनीतिक स्तर पर अपनी चिंताएं जाहिर कर सकता है, पर दक्षिण एशिया की सुरक्षा के सवालों को नजरअंदाज कर पाकिस्तान को अत्याधुनिक हथियार देने की उसकी नीति ठीक नहीं है. पाकिस्तानी सरकार और सेना की शह पर अतिवाद और आतंकवाद का प्रसार करनेवाले अनेक गुट भारत और अफगानिस्तान के साथ खुद पाकिस्तान के भीतर भी अशांति, अलगाववाद और अराजकता फैला रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी गतिविधियों में संलग्न गिरोहों के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के अनेक प्रमाण हैं. पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिरता और नेतृत्व की क्षमता भी संदिग्ध बनी रहती है. ऐसे में उसके पास विनाशकारी हथियारों का जखीरा होना कतई उचित नहीं है. सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य तथा महत्वपूर्ण आर्थिक महाशक्ति होने के नाते चीन को किसी भी तरह के गैरजिम्मेवाराना रवैये से बचना चाहिए. उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं में तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान के इरादों और चीन के रुख के खतरों को रखेगा.
यह विडंबना ही है कि भारत के साथ चीन अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का इच्छुक है, पर दूसरी तरफ वह पाकिस्तान को हथियार देकर भारत के लिए खतरा भी पैदा करना चाहता है. माना जाता है कि चीन के पास 260, भारत के पास 100-120 और पाकिस्तान के पास 110-130 परमाणु हथियार हैं. ऐसे में इनके बीच कोई भी झड़प दुनिया के लिए तबाही का कारण बन सकती है.

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