अच्छे टीवी सीरियल्स बनें

हिन्दी में अच्छे, रोचक और स्तरीय टीवी सीरियल्स की कमी अब अखरने लगी है. छिछली कहानियां और लिपे-पुते बनावटी चेहरे देखकर हम थक चुके हैं. उम्र के अंतिम पड़ाव पर टीवी बहुतों का बहुत बड़ा सहारा है. कहां गये ‘बुनियाद’ और ‘हमलोग’ जैसे सीरियल्स जिनका हमें हर समय इंतजार रहता था. उपन्यासों और कहानियों पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 6:42 AM
हिन्दी में अच्छे, रोचक और स्तरीय टीवी सीरियल्स की कमी अब अखरने लगी है. छिछली कहानियां और लिपे-पुते बनावटी चेहरे देखकर हम थक चुके हैं. उम्र के अंतिम पड़ाव पर टीवी बहुतों का बहुत बड़ा सहारा है.
कहां गये ‘बुनियाद’ और ‘हमलोग’ जैसे सीरियल्स जिनका हमें हर समय इंतजार रहता था. उपन्यासों और कहानियों पर सीरियल्स बनाए जायें, जो जिंदगी से जुड़े हों जिनमें थोड़ी सी हंसी, थोड़ी सी खुशी, थोड़ा-सा टुकड़ा प्यार का हो, दु:ख हों लेकिन उनसे निकलने की जद्दोजहद भी हो, मनोरंजन हो, लेकिन समाज को दिशा देने की चुनौती भी हो. क्या इस दिशा में किसी की ओर से कोई पहल होगी?
उषा किरण, खेलगांव, रांची

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