समाज नजरिया बदले

हाल ही में बेंगलुरु में हुई सामूहिक छेड़छाड़ की घटना ने देश को फिर से शर्मसार कर दिया है तथा महिला सुरक्षा का नारा लगाने वाली सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. हमें शर्म है ऐसे नेताओं पर जो ऐसी घटनाओं पर भी राजनीति की रोटियां सेंकने से बाज नहीं आते, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 6:42 AM
हाल ही में बेंगलुरु में हुई सामूहिक छेड़छाड़ की घटना ने देश को फिर से शर्मसार कर दिया है तथा महिला सुरक्षा का नारा लगाने वाली सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. हमें शर्म है ऐसे नेताओं पर जो ऐसी घटनाओं पर भी राजनीति की रोटियां सेंकने से बाज नहीं आते, ऐसे नेताओं की जितनी निंदा की जाये कम है. क्या इस घटना के लिए हमारा समाज दोषी नहीं, जो आधुनिक होने का दिखावा करने के बावजूद महिलाओं को दोयम दर्जे का मानता है.
क्या उन अपराधियों के घर में महिलाएं नहीं हैं? फिर इस तरह की घटनाएं क्यों? सबसे जरूरी है समाज अपना नजरिया बदले महिलाओं के प्रति. महिलाएं कमजोर नहीं हैं, वे एक परिवार बनाती हैं, संभालती हैं. एक मां, एक बीवी, एक बहन, एक कामकाजी महिला सबका किरदार बखूबी अदा करती है, जिस समाज में देवी की पूजा की जाती है, उस समाज में अगर महिलाओं के साथ में घटना हो रही है तो दोषी कौन है?
डॉ शिल्पा जैन सुराना, वारंगल

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