आश्चर्यजनक फैसला
जोधपुर कोर्ट ने जिस तरह संदेह का लाभ देते हुए सलमान खान को बरी कर दिया, इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि कानून में प्रभावी व्यक्तियों को सजा देने का प्रावधान नहीं है. बकायदा कोर्ट अगर सच में न्याय करना चाहता, तो अगर सलमान के खिलाफ गलत धाराओं में केस दर्ज हुआ […]
जोधपुर कोर्ट ने जिस तरह संदेह का लाभ देते हुए सलमान खान को बरी कर दिया, इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि कानून में प्रभावी व्यक्तियों को सजा देने का प्रावधान नहीं है.
बकायदा कोर्ट अगर सच में न्याय करना चाहता, तो अगर सलमान के खिलाफ गलत धाराओं में केस दर्ज हुआ था, तो कोर्ट सही धाराओं में केस दर्ज करा मुकदमा चलाने की बात कर सकता था. जिस तरह से ‘हिट एंड रन केस’ में भी सलमान को छोड़ा गया, वह निश्चित तौर पर शर्मनाक है. अगर कल कोर्ट का फैसला आ जाये कि काले हिरण को किसी ने गोली नहीं मारी और उसने ‘जंगल के कानून’ से तंग आकर खुदकुशी की है, तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा.
पूजा, दिल्ली