जलीकट्टू और हिंसक प्रदर्शन
पिछले कुछ दिनों से जलीकट्टू का विषय सुर्खियों में है. पुलिसकर्मियों पर पथराव करते प्रदर्शनकारी, हिंसक प्रदर्शनों को समाचार में देखते हुए कश्मीर में जिस तरह वहां की जनता सेना, पुलिस पर पथराव करती है, उसके जैसे ही यह स्थिति लग रही है. पुलिस थाने में आग लगाना, सामाजिक वातावरण में तनाव खड़ा करना यह […]
पिछले कुछ दिनों से जलीकट्टू का विषय सुर्खियों में है. पुलिसकर्मियों पर पथराव करते प्रदर्शनकारी, हिंसक प्रदर्शनों को समाचार में देखते हुए कश्मीर में जिस तरह वहां की जनता सेना, पुलिस पर पथराव करती है, उसके जैसे ही यह स्थिति लग रही है. पुलिस थाने में आग लगाना, सामाजिक वातावरण में तनाव खड़ा करना यह अच्छे संकेत नहीं देता.
अपनी मांग के लिए लोकतंत्र ने जो मार्ग बताए हैं उनका इस्तेमाल करना छोड़कर हिंसक प्रदर्शन करना, अशोभनीय है. सिर्फ खेल के ही मुद्दे को उठाकर उस राज्य में हिंसक प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं? संस्कृति के नाम पर यह उठाया कदम सही नहीं है.
अमित पडियार , ईमेल से