पर्यटन स्थलों को चिह्नित करने की चुनौती

खूंटी जिलान्तर्गत रांची शहर से 38 किमी की दूरी पर डुमरगड़ी बिलसेरेंग गांव के विहंगम नदी, जंगल के दुर्गम स्थल पर आज से 160 वर्ष पहले 1857 में हुए सिपाही विद्रोह से प्रभावित तत्कालीन स्थानीय मसीही विश्वासियों की ऐतिहासिक घटना के बाद से अधिष्ठापित ख्रिस्तान डेरा आज तक उपेक्षित अवस्था के कारण विकास के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2017 6:14 AM
खूंटी जिलान्तर्गत रांची शहर से 38 किमी की दूरी पर डुमरगड़ी बिलसेरेंग गांव के विहंगम नदी, जंगल के दुर्गम स्थल पर आज से 160 वर्ष पहले 1857 में हुए सिपाही विद्रोह से प्रभावित तत्कालीन स्थानीय मसीही विश्वासियों की ऐतिहासिक घटना के बाद से अधिष्ठापित ख्रिस्तान डेरा आज तक उपेक्षित अवस्था के कारण विकास के लिए बाट जोह रहा है.
यहां हर साल एक फरवरी को विशाल धार्मिक मेला के तौर पर ख्रीस्तीय मिलन महोत्सव का आयोजन जीईएल चर्च के सौजन्य से किया जाता है. इसी एक फरवरी को ख्रीस्तान डेरा के प्रांगण में ख्रीस्त विश्वासी मिलन 160 वां महोत्सव का आयोजन परमेश्वर की सामर्थ्य से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. उच्च न्यायालय द्वारा वांछित बिंदुओं में ख्रिस्तान डेरा को भी शामिल किया जाये, तो अल्पसंख्यक धरोहर को विलुप्त होने से सुरक्षित कर विकास का जामा पहनाया जा सकता है.
नियारन बारला, रांची

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