आश्वासनों को पूरा करो
पिछले दो सालों में संसद में मंत्रियों ने दिये 70% आश्वासनों को पूरा नहीं किया है. संसदीय कामकाज मंत्रालय द्वारा घोषित किये रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. अधूरे आश्वासन कब पूरे होंगे? यह जनता का मुख्य सवाल है. आश्वासन सिर्फ देने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए ही दिये जाने […]
पिछले दो सालों में संसद में मंत्रियों ने दिये 70% आश्वासनों को पूरा नहीं किया है. संसदीय कामकाज मंत्रालय द्वारा घोषित किये रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. अधूरे आश्वासन कब पूरे होंगे? यह जनता का मुख्य सवाल है. आश्वासन सिर्फ देने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए ही दिये जाने चाहिए, तब ही उन्हें पूरा करने का प्रमाण बढ़ता जायेगा. 70%आश्वासन बाकी रहने से पता चलता है कि मंत्रियों के कामकाज की गति बहुत धीमी है.
अगर 70% आश्वासन पूरे किये होते तो देश में विकास की गंगा तेजी से बह रही है. यह बताने के लिए रिपोर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि काम करने पर जनता के समर्थन का जो प्रमाणपत्र मिलता वही एक रिपोर्ट के बराबर होता है. कामकाज की धीमी गति किस कारण है, उसे खोजना चाहिए सारे और आश्वासनों को जल्द पूरा करना चाहिए.
मनीषा चंदराणा, इमेल से