महिला आरक्षण बिल
आंध्रप्रदेश में आयोजित महिला संसद में एक से बढ़कर एक तकरीरें पढ़ी गयी. हर कोई महिलाओं के गुणगान में लगा हुआ दिखाई दिया. उन्हीं में से एक थे केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू. इन्होंने 20 साल पुराना घाव को हरा कर दिया यह कहकर कि जब राज्यसभा में हमारी बहुमत होगी, तो हम महिला आरक्षण बिल […]
आंध्रप्रदेश में आयोजित महिला संसद में एक से बढ़कर एक तकरीरें पढ़ी गयी. हर कोई महिलाओं के गुणगान में लगा हुआ दिखाई दिया. उन्हीं में से एक थे केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू.
इन्होंने 20 साल पुराना घाव को हरा कर दिया यह कहकर कि जब राज्यसभा में हमारी बहुमत होगी, तो हम महिला आरक्षण बिल को पास करेंगे. न नौ मन तेल होगा, ना राधा नाचेगी. 12 सितंबर 1996 से कई बार बिल पेश हुआ. बिल को फाड़ा गया. मगर जब वक्तव्य देना होता है, तो उनमें से कोई यह नहीं कहता कि वह महिला आरक्षण के खिलाफ है. सभी कहते हैं, वे उस बिल के साथ हैं. मगर भारतीय संसदीय इतिहास का यह सबसे बड़ा झूट है. कोई भी सरकार आए, वे कभी नहीं इस बिल को पास होने देंगे.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी