हाल के वर्षों में जिस तरह झारखंड में पानी का संकट पैदा हुआ है, वह न सिर्फ चिंता का विषय है बल्कि प्रकृति से सराबोर इस प्रदेश के लिये खतरे का संकेत भी. धरती के नीचे पानी का स्तर लगातार नीचे जा रहा है. गर्मी में यह दिक्कत कुछ ज्यादा दिखता है.
आज भले ही हम पानी की कीमत का अंदाजा नहीं लगा पा रहें हैं, मगर सच्चाई है कि 2020 तक पूरे देश में जल की समस्या विकराल रूप धारण करने वाला है. जलस्रोतों के अंधाधुंध दोहन ने ही हमारे प्रदेश में भी पानी की समस्या को बढाया है. प्रदेश को खुशहाल देखने के लिये पानी बचाने का संकल्प सभी को लेना होगा.
विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा, बोकारो