राजनीति को मजाक बना दिया
हमारा देश सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. यहां कई बड़े नेता हुए, जो अपने आदर्श और उसूलों के लिए पूरे विश्व में जाने जाते हैं. पर वर्तमान में जो नेता हैं उनमें इन आदर्श और उसूलों की कमी जान पड़ती है. इसका उदाहरण उन्होंने अभी पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में दे दिया है. […]
हमारा देश सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. यहां कई बड़े नेता हुए, जो अपने आदर्श और उसूलों के लिए पूरे विश्व में जाने जाते हैं. पर वर्तमान में जो नेता हैं उनमें इन आदर्श और उसूलों की कमी जान पड़ती है. इसका उदाहरण उन्होंने अभी पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में दे दिया है. चुनावी रैली में एक दूसरे के प्रति इतनी बदजुबानी इनकी सत्तालोलुपता को उजागर कर रहा है. उनकी बदजुबानी सुनकर लगता नहीं कि ये देश के अथवा राज्य के मुखिया हैं. सत्ता के लालच में मंहगाई बेकारी अशिक्षा जैसे मुद्दे गौण हैं और जाति धर्म की राजनीति हावी है. शर्म आनी चाहिए इन नेताओं को. इनकी रैली में भीड़ देखकर ऐसा लगता है कि काश ये भीड़ नेताओं की रैली के बदले कहीं सड़क निर्माण या फिर डैम जैसे जनोपयोगी कार्यों में लग जाती.
राजन राज, रांची