नये चेहरे से नहीं बदलेगी दिल्ली की सूरत

एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने सभी सीटों पर नये चेहरे उतारने की घोषणा की है. प्रश्न उठता है कि बीजेपी को ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ रहा है? हकीकत तो यह है कि कुछ ईमानदार और मेहनती पार्षद को चोर बनने को मजबूर करनेवाली या बनानेवाली फैक्ट्री एमसीडी में अब एकबार फिर 272 नये चेहरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2017 6:31 AM
एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने सभी सीटों पर नये चेहरे उतारने की घोषणा की है. प्रश्न उठता है कि बीजेपी को ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ रहा है? हकीकत तो यह है कि कुछ ईमानदार और मेहनती पार्षद को चोर बनने को मजबूर करनेवाली या बनानेवाली फैक्ट्री एमसीडी में अब एकबार फिर 272 नये चेहरे को चोर, बेईमान, भ्रष्ट बनाने के लिए कोशिश की जायेगी.
जिस पार्षद को न सैलरी मिलता हो, न कोई भत्ता मिलता हो फिर भी क्षेत्र के लोगों को चंदा भी चाहिए, और तो और पार्टी के हर धरना-प्रदर्शन पर लोगों की भीड़ जुटाने के लिए भी पार्षद अपनी तरफ से खर्चा करना पड़े और ऐसा ने करने पर अगली बार टिकट भी जाने का डर बना रहता है, तब हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि एमसीडी भ्रष्टाचार मुक्त होगा. अगर बीजेपी सच में दिल्ली की जनता के हित में सोचती है, तो पहले सिस्टम को बदले, चेहरे बदलने से दिल्ली की सूरत नहीं बदल सकती.
राहुल राय, दिल्ली

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