निष्पक्ष हो नियुक्ति प्रक्रिया
आज चपरासी से न्यायाधीश, आयोग, निगम आदि के विभिन्न पदों की नियुक्तियां संदेह के घेरे में है. साथ ही नियुक्ति के बाद कई पदधारी में कार्यक्षमता का अभाव भी देखा जाता है. इसलिए पद पर नियुक्ति के बाबजूद भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है. उदाहरणस्वरूप बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन हो चुका […]
आज चपरासी से न्यायाधीश, आयोग, निगम आदि के विभिन्न पदों की नियुक्तियां संदेह के घेरे में है. साथ ही नियुक्ति के बाद कई पदधारी में कार्यक्षमता का अभाव भी देखा जाता है.
इसलिए पद पर नियुक्ति के बाबजूद भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है. उदाहरणस्वरूप बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन हो चुका है, लेकिन बच्चों के अधिकार संरक्षित नहीं हो पा रहे हैं. प्रदूषण रोकने के लिए भी आयोग बना है, लेकिन प्रदूषण नहीं रुकता आदि. देश की नियुक्ति प्रक्रिया हर पद ओपन हो, कार्य करने वाले लोगों को चुनने की क्षमता रखने वाले लोगों को ही चुनाव समिति में रखा जाये. नियुक्ति की हर प्रक्रिया पारदर्शी हो. हर नियुक्ति के बाद आपत्ति मांगी जाये. नियुक्ति पत्र देने के पहले ही निष्पक्ष हो कर पूरी जांच हो, जिससे नियुक्ति का उद्देश्य पूरा हो सके.
सुचित्रा झा, देवघर