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ट्विटर पोल बनाम आंतरिक पोल

आलोक पुराणिक वाणिज्य प्राध्यापक, डीयू केजरीवालजी नाराज हैं कि चुनाव परिणाम उनके आंतरिक सर्वे के हिसाब से नहीं आये. चुनाव परिणामों का फर्ज है कि उन्हें केजरीवालजी के या किसी और जी के सर्वे-पोल के हिसाब से आना चाहिए. पुरानी बातें हैं, जब मैं बताया करता था कि मैं शत-प्रतिशत महान हूं. क्योंकि मुझे एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2017 6:18 AM

आलोक पुराणिक

वाणिज्य प्राध्यापक, डीयू

केजरीवालजी नाराज हैं कि चुनाव परिणाम उनके आंतरिक सर्वे के हिसाब से नहीं आये. चुनाव परिणामों का फर्ज है कि उन्हें केजरीवालजी के या किसी और जी के सर्वे-पोल के हिसाब से आना चाहिए.

पुरानी बातें हैं, जब मैं बताया करता था कि मैं शत-प्रतिशत महान हूं. क्योंकि मुझे एक पोल सर्वे में शत-प्रतिशत महान घोषित किया गया है. मैंने चार लोगों का पोल सर्वे कराया करता था- मेरी मां, मेरी पत्नी और मेरी दोनों बेटियां. मेरी मां मुझे बिना पढ़े ही महानतम मान लेती थी, पत्नी इस शर्त पर महानतम मानती थी कि मैं उससे पढ़ने की जिद ना करूंगा. बेटियां बहुत छोटी थीं, पढ़ना ही ना जानती थीं, तो मैं चार लोगों के पोल सर्वे में शत-प्रतिशत महानतम हो लेता था. बेटियां समझदार हुईं, तो मेरी रेटिंग गिर गयी और अब मैं सिर्फ पचास प्रतिशत द्वारा ही महान माना जाता हूं.

इसकी काट मैंने निकाल ली है, सुबह आईने के सामने खड़ा हो जाता हूं, खुद से पूछ लेता हूं और खुद को ही जवाब दे देता हूं कि महानतम कौन- आलोक पुराणिक.

आईने को देख कर फैसले करनावाला अकेला मैं नहीं हूं. मायावतीजी भी ऐसा कर सकती हैं, सुबह आईने के सामने खड़ी होकर पूछ और बता सकती हैं- मुल्क का पीएम कौन- मायावती.

असली पोल रिजल्ट कुछ और आने पर इवीएम मशीनों को जिम्मेवार ठहराया जा सकता है.

खैर, अब आम पाठक मेरे पोल के हिसाब से मुझे महान न माने, तो मुझे भी केजरीवालजी, मायावतीजी की तरह शिकायत करने का हक है. आंतरिक पोल में बंदा कुछ भी हो सकता है, कुछ भी. सचमुच के पोल-रिजल्ट में भले ही कुछ का कुछ हो जाये.

आंतरिक पोल की टक्कर का एक और पोल इधर चल निकला है ट्विटर पोल. ट्विटर पर किसी भी मसले पर पोल करके बहस शुरू हो जाती है.

राजस्थान में एक बुजुर्ग की पिटाई उनकी बहू और पोती ने की, जमीन-जायदाद का संघर्ष था. मैंने बुजुर्ग की पिटाई की फोटू पर लिखा-दुखद. सत्तर परसेंट लोगों ने पिटाई करनेवाली बहू और पोती की निंदा की. दो घंटे में सीन बदल गया- बहू और पोती के समर्थन में अस्सी परसेंट लोग थे. तर्क यह था कि पुरुष प्रधान समाज में ऐसे किस्से कितने कम आते हैं कि स्त्रियां पुरुष को पीट रही हों. स्त्रियों की इस वीरतापूर्ण कार्रवाई का विरोध करनेवाले स्त्री विरोधी है, ऐसा अस्सी परसेंट ट्विटर पोल में कह रहे थे.मैं स्त्री विरोधी घोषित हो गया. आंतरिक सर्वे और ट्विटर सर्वे में कुछ भी हो सकता है.

ट्विटर के सर्वे नवाज शरीफ को धरती का सबसे शरीफ और हाफिज सईद को धरती का श्रेष्ठतम मानवाधिकार कार्यकर्ता घोषित कर सकते हैं. आप कहेंगे नहीं, तो आप लोकतंत्र के, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विरोधी हैं.

केजरीवालजी ट्विटर पोल में खुद को अमेरिका का राष्ट्रपति घोषित कर सकते हैं और व्हाॅइट हाउस में उनकी एंट्री ना हो पाये, तो वह ट्रंप पर लोकतंत्र विरोधी होने का आरोप लगा सकते हैं. एक ट्विटर सर्वे कह सकता है कि महाराणा प्रताप ने अकबर को हराया था, दूसरा कह सकता है कि नहीं. अकबर और प्रताप का युद्ध तो हुआ ही नहीं था. दोनों ही पीस इन हल्दीघाटी नाम का एनजीओ चलात थे. इस सर्वे का जो विरोध करे उसे युद्ध-आतुर मानसिकता का घोषित कर दो.एक ट्विटर पोल में मैं महानतम लेखक घोषित हुआ हूं, कर लो जिसे जो करना है!

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