आस्था की कद्र और गोहत्या

हिंदुस्तान की धरती में जहां एक तरफ एक समुदाय के लोग गाय को माता मानते हैं, उसकी पूजा करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दूसरे समुदाय के लोग इसी गाय को आसानी से मार देते हैं. जबकि हर धर्म दूसरे धर्म से जुड़े आस्था की कद्र करना सिखाता है. मगर यहां तो आस्था का मजाक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2017 5:45 AM
हिंदुस्तान की धरती में जहां एक तरफ एक समुदाय के लोग गाय को माता मानते हैं, उसकी पूजा करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दूसरे समुदाय के लोग इसी गाय को आसानी से मार देते हैं.
जबकि हर धर्म दूसरे धर्म से जुड़े आस्था की कद्र करना सिखाता है. मगर यहां तो आस्था का मजाक बनाया जा रहा है. ऐसे हालात में बूचड़खानों को बंद कराना बिल्कुल सही फैसला है. मगर सिर्फ अवैध बूचड़खाने ही क्यों? तमाम बूचड़खानों को बंद कराने की जरूरत है, क्योंकि बात वैध और अवैध की नहीं, बल्कि आस्था की है, जिसका कद्र करना हम सब पर लाजमी है.
शादाब इब्राहिमी, ब्राम्बे, रांची

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