15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मेरे लेख पर नारायण कैरो के पत्र के संबंध में कुछ जरूरी बातें

हिंदू धर्म, सनातन धर्म और हिंदुत्व में अंतर है. वेद, पुराण, महाभारत, स्मृति में मूल धर्मावलंबियों को ‘हिंदू’ नहीं कहा गया है. हिंदू दृष्टि समतावादी और समन्वयवादी है. हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है. इसका कोई एक मत, संप्रदाय और दर्शन नहीं है. ‘हिंदुत्व’ सावरकर के द्वारा गढ़ा गया शब्द है, धारणा है, जिसने […]

हिंदू धर्म, सनातन धर्म और हिंदुत्व में अंतर है. वेद, पुराण, महाभारत, स्मृति में मूल धर्मावलंबियों को ‘हिंदू’ नहीं कहा गया है. हिंदू दृष्टि समतावादी और समन्वयवादी है. हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है. इसका कोई एक मत, संप्रदाय और दर्शन नहीं है.
‘हिंदुत्व’ सावरकर के द्वारा गढ़ा गया शब्द है, धारणा है, जिसने उनके ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ की नींव डाली. एक राजनीतिक विचारधारा को परिभाषित करने के लिए ‘हिंदूइज्म’ से ‘हिंदुत्व’ का अंतर किया गया. राष्ट्रीयता के अंतर्गत हम सभी ‘भारतीय’ लिखते हैं. हिंदुत्व ‘भारतीय राष्ट्र’ को नहीं ‘हिंदू राष्ट्र’ को महत्व देता है. यह हिंदू धर्म की तरह ‘सहिष्णु’,‘ उदार’ और ‘समावेशी’ नहीं है. अस्सी के दशक से यह अधिक प्रमुख हुआ है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हिंदू के बदले भारतीय शब्द को महत्व दिया था. भारतीय जनसंघ पार्टी का गठन किया था. ‘हिंदुत्व’ को हिंदू और सनातन धर्म का पर्याय नहीं माना जाना चाहिए.
रविभूषण, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें