अजमेर के दीवान और तीन तलाक
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरगाह में होनेवाले सालाना उर्स के मौके पर दरगाह के दीवान ने कहा कि एक बार में तीन तलाक कहना जायज नहीं. क्या उनका यह कहना गलत है कि जब निकाह दो परिवार के बीच में होता है, तो तलाक एकांत में क्यों? लोग उन पर भी ऐतराज की […]
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरगाह में होनेवाले सालाना उर्स के मौके पर दरगाह के दीवान ने कहा कि एक बार में तीन तलाक कहना जायज नहीं. क्या उनका यह कहना गलत है कि जब निकाह दो परिवार के बीच में होता है, तो तलाक एकांत में क्यों?
लोग उन पर भी ऐतराज की लाठियां चलाने से नहीं चूके, जबकी उन्होंने अपनी बातों का हवाला कुरान व हदीस से दिया. खैर, दिवान साहब, आपके इस फैसले का और आपके जैसे ही नेक ख्यालात इनसानों की जरूरत है, तब जाकर बेटी-बहुओं पर होनेवाले जुल्म का खात्मा मुमकिन हो सकता है.
शादाब इब्राहिमी, ब्राम्बे रांची