हाईवे पर शराबबंदी के अन्य आयाम

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई में सभी नेशनल हाईवेज के किनारे 500 मीटर के दायरे के अंदर आनेवाले सभी शराब दुकानों,बार-रेस्टूरेंट्स को बंद करने का निर्देश दिया है. हाईवे पर हर साल लगभग 1.42 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. एनसीआरबी के रिकॉर्ड की बात करें, तो ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों की हिस्सेदारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2017 6:16 AM
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई में सभी नेशनल हाईवेज के किनारे 500 मीटर के दायरे के अंदर आनेवाले सभी शराब दुकानों,बार-रेस्टूरेंट्स को बंद करने का निर्देश दिया है.
हाईवे पर हर साल लगभग 1.42 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. एनसीआरबी के रिकॉर्ड की बात करें, तो ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों की हिस्सेदारी सिर्फ 1 .5 प्रतिशत है. कई राज्य इस फैसले से बचने के लिए अपने राजमार्गों को सामान्य मार्गों का दर्जा देने में जुटे हैं. सिर्फ 500 मीटर पीछे इन दुकानों को धकेल देने से ही समस्याओं का समाधान नहीं होगा. इसके लिए जरूरी है कि सरकार कुछ नये नियम लाकर संतुलित आधार पर इनका समाधान करे.
विशाल सिंह, मांडर, रांची

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