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बाबा साहेब का योगदान
दलित ‘महार’ जाति में पैदा होने वाले बाबा साहेब ने अपने संघर्ष को याद करते हुए एक पत्रकार को कहा था ‘अगर तुम मेरे दुःख और संघर्ष के बारे में सुनोगे तो रो पड़ोगे ‘. बाद में इन संघर्षों के अनुभव और प्रेरणा से सभी विषम समस्याओं को मात देकर एक बुलंद नींव डाली, जिसके […]
दलित ‘महार’ जाति में पैदा होने वाले बाबा साहेब ने अपने संघर्ष को याद करते हुए एक पत्रकार को कहा था ‘अगर तुम मेरे दुःख और संघर्ष के बारे में सुनोगे तो रो पड़ोगे ‘. बाद में इन संघर्षों के अनुभव और प्रेरणा से सभी विषम समस्याओं को मात देकर एक बुलंद नींव डाली, जिसके ऊपर एक नये राष्ट्र का आधार बना, जहां सामाजिक, राजनीतक, आर्थिक असमानता और अन्याय के लिए कोई स्थान नहीं है.
उन्होंने कानूनी रूप से उन सभी वंचित पिछड़े वर्ग को एक सामान अधिकार व सामान अवसर दिए, साथ में समाज में स्थापित उन सभी बुराइयों पर कठोर प्रहार किया, जो इंसान को धर्म और परंपराओं के नाम पर जटिल बंधनों में बांधे हुए था. देश उनको उनके द्वारा कृत कार्यों ,आदर्शों और विचारों के लिए सदा नमन करता रहेगा. फिर भी आज उनके सपने अधूरे ही हैं क्योंकि आज देश में गरीबी, भुखमरी और असमानता की खाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
विशाल सिंह, माण्डर ,रांची
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