वाहनों और सड़कों के समुचित, संतुलित और सुनियोजित अनुपात के अभाव में देश निरंतर जाम, हादसों और झगड़ों के दलदल में लगातार फंसता चला जा रहा है. इससे देश की प्रगति और विकास बुरी तरह बाधित है. सड़कों और वाहनों के साथ पार्किग की एक बड़ी समस्या अलग से खड़ी है, जो इस आग में घी का ही काम कर रही है.
इस बड़ी समस्या का हल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए रिंग रोड, मेट्रो रेल, सड़क और बसों आदि की उचित समय के अंदर अच्छी व्यवस्था और विकास जरूरी है. दूसरी ओर, इससे निजात के लिए वाहन खरीदारों से खरीद के समय उनके घरों में पार्किग स्थल होने का सर्टिफिकेट भी लेना अनिवार्य है. दरअसल सिर्फ इसके लिए ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में बिना उचित और पारदर्शी प्लानिंग के कुछ भी संभव नहीं है.
वेद मामूरपुर, नरेला, दिल्ली