दो हमख्याल लोगों की दोस्ती से डर
।। सत्य प्रकाश चौधरी ।। प्रभात खबर, रांची चुनावी चकल्लस में पान की बिक्री बढ़ने से उत्साहित पप्पू पनवाड़ी आजकल दुकान जल्दी खोलते हैं और देर से बढ़ाते हैं. ‘आप’ की दुकान पर आज भी जुटान अच्छा है. इसमें नये-नये ‘आपी’ भी शामिल हैं और पुराने राजनीतिक पापी भी. तभी टिप-टिप बारिश के बीच रुसवा […]
।। सत्य प्रकाश चौधरी ।।
प्रभात खबर, रांची
चुनावी चकल्लस में पान की बिक्री बढ़ने से उत्साहित पप्पू पनवाड़ी आजकल दुकान जल्दी खोलते हैं और देर से बढ़ाते हैं. ‘आप’ की दुकान पर आज भी जुटान अच्छा है. इसमें नये-नये ‘आपी’ भी शामिल हैं और पुराने राजनीतिक पापी भी. तभी टिप-टिप बारिश के बीच रुसवा साहब पहुंचे. गमछे से बाल सुखाते हुए बोले, ‘‘मौसम पर भी सियासी रंग चढ़ गया है. ये समझो कि इन दिनों न नेता का भरोसा किया जा सकता है, ना मौसम का.
धूप रहते-रहते, पता नहीं कब बरसने लगे. और, सेकुलरिज्म-सेकुलरिज्म का जाप करते-करते रामविलास जी जैसा नेता पता नहीं कब मोदी जी की बांह थाम ले.’’ पप्पू ने जवाब दिया, ‘‘ठीक कह रहे हैं आप. अब देखिए मोदी जी को, प्रधानमंत्री बनने के फेर में राज ठाकरे तक को अपने साथ सेट कर लिये हैं. गडकरी जी डील कराने के पुराने खिलाड़ी ठहरे, पोट लिये उसे. इस राज ठाकरे का नाम सुनते ही पित्ती उछलने लगती है. इसी का आदमी लोग हमारे चचेरे भाई बब्बन चौरसिया को बंबई में इतना मारा था कि क्या कहें आपसे.’’ रुसवा साहब के मुंह से आह सी निकली, ‘‘तुम तो ऐसे बोल रहे हो, जैसे भाजपा की दोस्ती पहले वहां शरीफों से थी.
राज तो आज पैदा हुआ है, पर उसके चाचा श्री तो बरसों से जुल्म ढा रहे हैं. कभी दक्षिण भारतीयों पर, कभी पंजाबियों पर, कभी बिहारियों पर, तो कभी मुसलमानों पर. तुम्हारे चचेरे भाई की तो सिर्फ पिटाई हुई थी, 1993 के मुंबई दंगे में उन जालिमों ने मेरे फुफेरे भाई के पूरे परिवार को जला कर मार दिया था.. मोदी जी को राज ठाकरे ने समर्थन दिया है, तो इसमें ताज्जुब कैसा? आखिर, दोस्ती भी तो हमख्याल लोगों में ही होती है.’’ नरेंद्र मोदी का नाम बार-बार चर्चा में आने से, पास खड़े मुन्ना बजरंगी के बदन में ऐंठन हो रही थी. आखिरकार उनसे नहीं रहा गया और इस बातचीत में कूद पड़े, ‘‘मोदी जी अभी प्रधानमंत्री बने भी नहीं हैं और आप लोगों की पैंट पहले ही ढीली हुई जा रही है.. और होगी काहे नहीं, मोदी जी कोई अइसे-वइसे आदमी नहीं हैं. चीन और अमरीका तक परेशान हैं कि अब तो इंडिया दुनिया का नंबर एक देश बन जायेगा.
और पाकिस्तान की तो पूछिए ही मत, वहां तो पूरा स्यापा चल रहा है मोदी जी के नाम पर.’’ रुसवा साहब कुछ न बोले. वह हैरान थे कि यह कैसा इन्सान है जो इस बात से खुश है कि देश-दुनिया में बहुत से लोग मोदी जी से खौफजदा हैं. अब मोरचा संभाला पप्पू पनवाड़ी ने, बोले-‘‘ठीक कह रहे हो मुन्ना भाई. कौन नहीं डरेगा आपके मोदी जी से? अरे जब उन्होंने अपने घर के सबसे बुजुर्ग और ताकतवर लोगों को ठिकाने लगा दिया, तो दूसरे लोगों की क्या हैसियत? मोदी जी का खौफ आप रुसवा साहब से नहीं, सुषमा स्वराज, आडवाणी जी, लालजी टंडन, जोशी जी से पूछिए. बस राजनाथ जी संघ को पटा कर किसी तरह बचे हुए हैं. वह भी मोदी के सारथि की भूमिका में.’’